Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2023 · 1 min read

इस गुज़रते साल में…कितने मनसूबे दबाये बैठे हो…!!

क्यूँ ख़ामोशी में डूबकर,
खुद से नज़रे चुराये बैठे हो !
नया दौर तुम्हें पुकार रहा,
क्यूँ अपने सपनों पर..
यूँ अंकुश लगाये बैठे हो !!

उठो, जागो, और तैयार हो जाओ,
माना कि अभी वक़्त नहीं…पर
ये भी सच है कि..
अभी भी वक़्त है,
अपने अंतर्मन को निचोड़ दो..
अपने सामर्थ्य को पहचान लो…
क्यूँ मुश्किलों से हारकर,
खुद को भुलाये बैठे हो !!

तुम अँधेरी रात में,
एक भभकती मशाल हो !
आग की प्रतिफल ज्वाला,
बिल्कुल तुम्हारे मन में है !
क्यूँ मन की चिंगारी को तुम,
यूँ ही बुझाये बैठे हो !!

तुम थम ना जाना असफलताओं से,
देखो… बुलंदियों की नज़र तुम्हारी ओर है!
समंदर जितना शांत हो,
उतनी बड़ी सुनामी लाता है!
तुम ख़ामोशी को सँवारकार,
क्यूँ सुनामी दबाये बैठे हो !!

नया दौर तुम्हारा है,
चहुँ ओर उजियारा है!
सफलता की सोच से.. अब हर सुबह,
अपने उत्कर्ष को जोड़ दो!
ना सदा के लिए दुःख रूकता है,
और ना ख़ुशी रूकती है !
तो क्यूँ… अगले कल को सोचकर,
अपने आज में कसमसाये बैठे हो !!

शिकायते, और उम्मीदें,
और ना जाने क्या-क्या मन में छुपाये बैठे हो!
इस गुज़रते साल में…
जाने कितने मनसूबे दबाये बैठे हो !!
❤️ Love Ravi ❤️

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4913.*पूर्णिका*
4913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
Priyank Upadhyay
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
गांव में विवाह होता था तो इस सीजन में होता था क्योंकि गेहूं,
Rituraj shivem verma
चाहता हूं
चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ज़िंदगी की सिलवटें
ज़िंदगी की सिलवटें
Dr. Rajeev Jain
चलो कुछ कहे
चलो कुछ कहे
Surinder blackpen
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
आर.एस. 'प्रीतम'
"फितरत"
Dr. Kishan tandon kranti
यही तो मजा है
यही तो मजा है
Otteri Selvakumar
देश की अखंडता
देश की अखंडता
C S Santoshi
किस क़दर बेकार है
किस क़दर बेकार है
हिमांशु Kulshrestha
कारक पहेलियां
कारक पहेलियां
Neelam Sharma
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
gurudeenverma198
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
पूर्वार्थ
गर्मी की मार
गर्मी की मार
Dr.Pratibha Prakash
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
*क्रम चलता आने-जाने का, जन जग में खाली आते हैं (राधेश्यामी छ
*क्रम चलता आने-जाने का, जन जग में खाली आते हैं (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
जब पता चलेगा तुमको,
जब पता चलेगा तुमको,
Buddha Prakash
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
sudhir kumar
जो सीखना है सबक़
जो सीखना है सबक़
Dr fauzia Naseem shad
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
अश्विनी (विप्र)
बाबा रामदेव जी
बाबा रामदेव जी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
Ajit Kumar "Karn"
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
आकाश महेशपुरी
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Kumar Agarwal
चाचा नेहरू
चाचा नेहरू
नूरफातिमा खातून नूरी
भगवान परशुराम
भगवान परशुराम
Ramji Tiwari
Loading...