आज का रावण
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गलतियों को गलतियों से जो सदा ढकते रहे।
झूठ पर बस झूठ ही जो सदा बकते रहे।।
पाप को निष्पाप साबित जो सदा करता रहे।
होके मानव जो सदा दानव कर्म ही करता रहे।।
है वही कलियुग का रावण, संबंध जो है बेचता।
स्त्रियों में काम और जन में दाम केवल देखता।।
इन गुणों को देख ‘संजय’, अलग खुद को कीजिए।
कर समर्पित श्रीराम को, जपनाम जीवन लीजिए।।