आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/aa7fa52c5d2f22d21e68343c5cee341f_45a3c42926f0dcda644532a9214ef767_600.jpg)
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
मंदिर कभी न बन पाए ऐसे मुश्किल हालात किया।।
पर तुम्हें कौन रोकेगा राघव अवध पूरी में आने से। भारत के नायक की छवि पर कैसा कैसा आघात किया।।
पर इन्हें छमा करना हे प्रभु बिसराकर इनकी कुटिलाई।
सोया भारत फिर जाग रहा ले रहा सनातन अंगड़ाई।।
🌹जय श्री राम🌹