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21 Apr 2020 · 1 min read

आँसू

आँसू अपने रोक तू आये ना सैलाब,
बह जायेंगीं भावना डूबेंगे अनुभाव।
डूबेंगे अनुभाव न बचेंगीं संवेदना,
विरला होगा विकल किसी की देख वेदना।
न कोई होय करुण न कोई होय रुआँसू,
सभी यहाँ बेपीर रोक तू अपने आँसू।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

2 Likes · 2 Comments · 166 Views

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