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10 Feb 2017 · 1 min read

अहंकार

अहंकार
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अहम का विकार जब जब किसी में आ गया।
न चाहते हुए भी उसको अहंकारी कहा गया।
अहम के सीमित मात्र को
स्वाभिमानी गुना गया।
हुआ जो हद से पार यें गुन
उसे अहंकारी कहा गया।
मैं शब्द को देखो तो किसी एक अर्थ में ठीक है।
वरना यह शब्द भी अहंकार का ही प्रतीक है
अहंकारएक ऐसी है ज्वाला।
जिसका व्यक्ति बने स्वयं निवाला।
इसका पीड़ित भयें जो कोई।
सर्वश्रेष्ठ समझे खुद को ही।
अहं ब्रह्मास्मि के भाव तले।
हर जगह मैं और अहंकार पले
चार वेद छ: शास्त्र का ज्ञाता।
महात्मा रावण थे मेरे भ्राता।
अहंकार के प्रभाव से भाई।
उन्होने अपनी छवि गवाई।

सुधाभारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

Language: Hindi
Tag: कविता
209 Views
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