Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2023 · 1 min read

अवसान

अशांत हृदय, दिग्भ्रामक आयाम,
उद्विग्न मन,
प्राकृतिक आपदा, युद्ध की विभीषिका ,
मानवता का हनन् ,
निरीह उत्पीड़ित संघर्षरत् मानव,
छल -कपट एवं छद्म का वर्चस्व,
लुप्तप्रायः धैर्य एवं साहस,
संस्कार -आदर्श एवं सदाचार,
विनाशकारी प्रवृत्ति एवं प्रकृति ,
स्तरहीन पशुवत् व्यवहार ,
चारित्रिक हनन् , अनाचार,
धर्माधंता का प्रचार एवं प्रसार,
निरंकुश शासन व्यवस्था ,
नीति एवं न्याय की दुर्दशा ,
देशद्रोही एवं राष्ट्रविखंडनकारी शक्तियों की उत्पति ,
किंकर्तव्यविमूढ़ विपरीत परिस्थिति ,
क्या यह इस सृष्टि में प्रलय का
पूर्वाभास है ?
या इस कलियुग में जीवन के अवसान का
प्रथम भाग है ?

Language: Hindi
90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Shyam Sundar Subramanian

You may also like:
भारत और मीडिया
भारत और मीडिया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
::बेवफा::
::बेवफा::
MSW Sunil SainiCENA
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
Shashi Dhar Kumar
इबादत
इबादत
Dr.Priya Soni Khare
जग में सबके घर हुए ,कभी शोक-संतप्त (कुंडलिया)*
जग में सबके घर हुए ,कभी शोक-संतप्त (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
कवि दीपक बवेजा
"आशा" के कवित्त"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Shivkumar Bilagrami
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
Jay Dewangan
अपने विचारों को
अपने विचारों को
Dr fauzia Naseem shad
दरबारी फनकार
दरबारी फनकार
Shekhar Chandra Mitra
माँ
माँ
नन्दलाल सुथार "राही"
हिंदी दिवस की बधाई
हिंदी दिवस की बधाई
Rajni kapoor
जीवन संवाद
जीवन संवाद
Shyam Sundar Subramanian
फूल खुशबू देते है _
फूल खुशबू देते है _
Rajesh vyas
सागर बोला सुन ज़रा, मैं नदिया का पीर
सागर बोला सुन ज़रा, मैं नदिया का पीर
सूर्यकांत द्विवेदी
💐प्रेम कौतुक-166💐
💐प्रेम कौतुक-166💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"ये बात बाद की है,
*Author प्रणय प्रभात*
अहसास
अहसास
डॉ प्रवीण ठाकुर
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
सत्य कुमार प्रेमी
सबके राम
सबके राम
Sandeep Pande
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
नहीं    माँगूँ  बड़ा   ओहदा,
नहीं माँगूँ बड़ा ओहदा,
Satish Srijan
राष्ट्रीय गणित दिवस....
राष्ट्रीय गणित दिवस....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...