अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
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अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा देने में माहिर होता है क्योंकि गरीबी एक धोखा है। निर्धनता जेब में हो तो ठीक परंतु मस्तिष्क में नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यही गरीबी है।
जय सियाराम