अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
वर दो हमें हे शारदा, हो सर्वदा शुभ भावना (सरस्वती वंदन
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं ।
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है