Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2022 · 1 min read

अपना अपना आवेश….

स्वच्छ नहीं विचारों के वेश
बदल रहा परिवेश
समावेश दिखता नहीं —
बस अपना अपना आवेश .!!

स्वार्थ यहां परमार्थ कहां
भावार्थ नहीं यथार्थ कहां
निजता चरम लुप्त करम
सुयोगता नहीं है शेष —
बस अपना अपना आवेश…!!

मन प्रदूषित तन सुगंधित
आडंबरो से रचा स्वयं को
सिमटता जा रहा जीवन
हरपल हरक्षण क्लेश —
बस अपना अपना आवेश…!!

सदहृदय का ना संचार दिखे
मानवीय ना व्यवहार दिखे
स्वयं-शब्द की लालसा
क्यों कर मिले विशेष —-
बस अपना अपना आवेश..!!

नादान नहीं पर रंगे किसरंग में ?
दिशा कौन सी चले किस संग में ?
ज्ञात है — सब रिक्त–सब शून्य है
सच की धरा पर रहते है —
केवल स्मृतियों के अवशेष —
क्यूं अपना अपना आवेश….??

—– रंजित तिवारी
पटेल चौक, कटिहार
बिहार , पिन –854105
संपर्क — 6200126456

Language: Hindi
1 Like · 60 Views
You may also like:
कुछ नए ख़्वाब।
कुछ नए ख़्वाब।
Taj Mohammad
परिचय
परिचय
Pakhi Jain
💐💐संसारस्य सर्वे सम्बन्धा: परस्पर: सेवाया: कृते💐💐
💐💐संसारस्य सर्वे सम्बन्धा: परस्पर: सेवाया: कृते💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भगतसिंह की फांसी
भगतसिंह की फांसी
Shekhar Chandra Mitra
इरादे नहीं पाक,
इरादे नहीं पाक,
Satish Srijan
हम भी कहेंगे अपने तजुरबात पे ग़जल।
हम भी कहेंगे अपने तजुरबात पे ग़जल।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुहब्बत
मुहब्बत
Buddha Prakash
आपकी कशिश
आपकी कशिश
Surya Barman
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ankit Halke jha
ये जिंदगी
ये जिंदगी
N.ksahu0007@writer
क्या दिखेगा,
क्या दिखेगा,
pravin sharma
"नशा इन्तजार का"
Dr. Kishan tandon kranti
जवाब दे न सके
जवाब दे न सके
Dr fauzia Naseem shad
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
अनिल अहिरवार"अबीर"
गाँधीजी (बाल कविता)
गाँधीजी (बाल कविता)
Ravi Prakash
सबके अपने अपने मोहन
सबके अपने अपने मोहन
Shivkumar Bilagrami
"ख़्वाहिशें उतनी सी कीजे जो मुक़म्मल हो सकें।
*Author प्रणय प्रभात*
अपना घर
अपना घर
Shyam Sundar Subramanian
*खुशियों का दीपोत्सव आया* 
*खुशियों का दीपोत्सव आया* 
Deepak Kumar Tyagi
इससे बड़ा हादसा क्या
इससे बड़ा हादसा क्या
कवि दीपक बवेजा
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
मुझे प्रीत है वतन से,
मुझे प्रीत है वतन से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कवि कृष्णचंद्र रोहणा की रचनाओं में सामाजिक न्याय एवं जाति विमर्श
कवि कृष्णचंद्र रोहणा की रचनाओं में सामाजिक न्याय एवं जाति...
डॉ. दीपक मेवाती
अलविदा
अलविदा
Dr Rajiv
" पर्व गोर्वधन "
Dr Meenu Poonia
Book of the day: अर्चना की कुण्डलियाँ (भाग-1)
Book of the day: अर्चना की कुण्डलियाँ (भाग-1)
Sahityapedia
SUCCESS : MYTH & TRUTH
SUCCESS : MYTH & TRUTH
Aditya Prakash
Loading...