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17 Oct 2022 · 1 min read

अनूठी दुनिया

यह दुनिया बड़ी अनूठी
इसमें ना कोई है दुराय
निकृष्ट बनने पर तुले
हमने इस विचित्र सी
धरती पर जन्म लिया
यह सौभाग्य की बात
जन्म तो कोई भी लेता
पर हम में और उन में
है बहुत ही अंतर यहां
कुछ अच्छा ही करें…
ताकि याद करेगी भव।

इस कलित सी भुवन में
कोई न हो पाया अपना
दिखावे के लिए तो
सब कहते हैं मैं तो मैं
आपका अपना ही हूं
पर न होता अपना
सबमें छिपी होती
स्वार्थ की भावना
हमसबों को देश में ही
नहीं, अनूठी सी दुनिया में
अपना परचम फहरा कर
इस मिट्टी में मिल जाना है।

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 84 Views
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