अनजान रिश्ते…
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कुछ रिश्ते बड़े खास होते हैं
हमारी रूह के आसपास होते हैं
मीठी सी यादों के ख्वाब होते हैं
कुछ रिश्ते अनजान रिश्ते होते हैं।
सब पूछते हैं ? क्या
लगते हैं तुम्हारे वो
जो हमारी मुस्कुराहटों कि
वह वजह होते हैं
हमारी खुशी और गम के
साझेदार होते हैं
कुछ रिश्ते अनजान रिश्ते होते हैं।
उनसे ना कोई लेन-देन का
सरोकार होता है
उनसे न कोई तू तू मैं मैं का एहसास होता है
ना मन में कोई जलन होती है
बस एक फिक्र सी रहती है
इसी फिक्र में दोस्ती का
अपनापन होता है
इन्हीं रिश्तो का ही नाम
अनजान रिश्ते होता है।
हरमिंदर कौर
अमरोहा यूपी
मौलिक रचना