Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2022 · 1 min read

अधूरापन

जीवन में अधूरापन
हमेशा ही रहता है,
मिलता रहे चाहे जितना
मगर अधूरा ही लगता है।
क्यों हमें संतोष जो नहीं होते
कभी पूरा होने का आभास नहीं होता,
हमारी ख्वाहिशें हमें दलदल से
निकलने देना ही नहीं चाहतीं।
हम भी दिन रात दो दो चार में
कभी दो दो पाँच के फेर में
उलझे जकड़े फँसे रहते हैं,
अधूरेपन के मकड़जाल से
निकलना भी तो नहीं चाहते,
क्योंकि हम तो अधूरेपन को
अपनी तकदीर जो मान बैठे हैं,
अधूरेपन को अपनी नियत मान
जीते और मर जाते हैं।

Language: Hindi
Tag: कविता
133 Views

Books from Sudhir srivastava

You may also like:
// जिंदगी दो पल की //
// जिंदगी दो पल की //
Surya Barman
💐💐आजा तेरी लिमिट बढ़ा दूँ💐💐
💐💐आजा तेरी लिमिट बढ़ा दूँ💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
Buddha Prakash
सैफई रहा केन्द्र
सैफई रहा केन्द्र
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
खोपक पेरवा (लोकमैथिली_कविता)
खोपक पेरवा (लोकमैथिली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ख़ामोश सी नज़र में
ख़ामोश सी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
नज़रिया
नज़रिया
Dr. Kishan tandon kranti
वादा खिलाफी।
वादा खिलाफी।
Taj Mohammad
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
*Author प्रणय प्रभात*
पहला प्यार
पहला प्यार
Sushil chauhan
अब तक के इंसानी विकास का विश्लेषण
अब तक के इंसानी विकास का विश्लेषण
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
2241.💥सबकुछ खतम 💥
2241.💥सबकुछ खतम 💥
Khedu Bharti "Satyesh"
ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं।
ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं।
Manisha Manjari
भारतीय संस्कृति और उसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता
भारतीय संस्कृति और उसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
🇭🇺 झाँसी की क्षत्राणी /ब्राह्मण कुल की एवं भारतवर्ष की सर्वश्रेष्ठ वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की क्षत्राणी /ब्राह्मण कुल की एवं भारतवर्ष की...
Pt. Brajesh Kumar Nayak
“ अकर्मण्यताक नागड़ि ”
“ अकर्मण्यताक नागड़ि ”
DrLakshman Jha Parimal
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
एक पाती पितरों के नाम
एक पाती पितरों के नाम
Ram Krishan Rastogi
गलती का भी हद होता है ।
गलती का भी हद होता है ।
Nishant prakhar
*घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)*
*घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)*
Ravi Prakash
सोहनी-महिवाल
सोहनी-महिवाल
Shekhar Chandra Mitra
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा
दोहा
नवल किशोर सिंह
सही नहीं है /
सही नहीं है /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...