Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2017 · 1 min read

— अत्याचार —

रोज रोज देख
कर मन तड़प
रहा है
बेजुबान पर
चला कर चाकू
वार हो रहा है
निहथे पर हमला
हर रोज हो रहा है
खून की नदियो
का व्यापार हो
रहा है
बेजुबान के साथ
साथ महिला पर
भी अत्याचार
घोर हो रहा है
आदमी अब खुद
ही शेर हो रहा है
कोई सोती पर
वार कर रहा है
कोई सरे राह
कत्ले आम कर
रहा है
क्या मिल रहा है
खून खराबा कर के
क्यूँ मौत को
इन्सान अपने
हाथ में धर रहा है
जीवन जीने का
हक अगर तुझे
है, तो तू उसका
हक क्यूँ छीन
रहा है, गर
चल जाये चाकू
तेरी भी गर्दन
पर, तो क्यूँ
नहीं ये सम्झ रहा है
देख देख कर
दुनिया की
ये लीला दिल
में नश्तर चुभो
रही है, हे उपर
वाले क्यूँ नहीं
इन जैसो को
बुद्धि सद बुद्धि
आ रही है…………..

अजीत तलवार

Language: Hindi
Tag: कविता
436 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

You may also like:
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
I was sailing my ship proudly long before your arrival.
I was sailing my ship proudly long before your arrival.
Manisha Manjari
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चमत्कार
चमत्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
gurudeenverma198
उगता सूरज
उगता सूरज
Satish Srijan
💐अज्ञात के प्रति-21💐
💐अज्ञात के प्रति-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
जान का नया बवाल
जान का नया बवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*आते हैं भगवान 【भक्ति गीत】*
*आते हैं भगवान 【भक्ति गीत】*
Ravi Prakash
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
रुपेश कुमार
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"सुख"
Dr. Kishan tandon kranti
लिखने से रह गये
लिखने से रह गये
Dr fauzia Naseem shad
【21】 *!* क्या हम चंदन जैसे हैं ? *!*
【21】 *!* क्या हम चंदन जैसे हैं ? *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
अष्टांग मार्ग गीत
अष्टांग मार्ग गीत
Buddha Prakash
सुबह की आहटें
सुबह की आहटें
Ranjana Verma
इतनी निराशा किस लिए
इतनी निराशा किस लिए
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सुखद...
सुखद...
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हां मुझे प्यार हुआ जाता है
हां मुझे प्यार हुआ जाता है
Surinder blackpen
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
अब हम बहुत दूर …
अब हम बहुत दूर …
DrLakshman Jha Parimal
मैं तुमसे प्रेम करती हूँ
मैं तुमसे प्रेम करती हूँ
Kavita Chouhan
मंजिल के राही
मंजिल के राही
Rahul yadav
■ प्रबुद्धों_के_लिए
■ प्रबुद्धों_के_लिए
*Author प्रणय प्रभात*
भक्त कवि श्रीजयदेव
भक्त कवि श्रीजयदेव
Pravesh Shinde
नारी एक कल्पवृक्ष
नारी एक कल्पवृक्ष
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
बालगीत - सर्दी आई
बालगीत - सर्दी आई
Kanchan Khanna
जंगल की सैर
जंगल की सैर
जगदीश लववंशी
Loading...