अच्छाईयाँ रख जा
अच्छाईयाँ रख जा
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वक्त बेवक्त ही सही यहाँ अच्छाईया रख जा
वफा के राह चलना सीख तू सच्चाईयां रख जा
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चलना राह अच्छे का भला होगा यहीं तेरा
भले के राह चलते जा यहाँ रूसवाईयाँ रख जा
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चलना सत्य के पथ पर भला होगा यहीं तेरा
भले के राह चलते ही यहाँ रूसवाईयाँ रख जा
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जमाने की फिक्र न कर जमाना है बुरा लेकिन-
सम्भलकर राह चलते जा बेपरवाहियाँ रख जा
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सताना काम जालिम का जमाने में सुना मैनें
खूदी को कर बुलंद इतना खुमारीयाँ रख जा
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✍?✍?पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार