Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2019 · 1 min read

सपनों में जीवित हो दादी #100 शब्दों की कहानी#

“दादी भले ही, तुम इस दुनिया में नहीं हो”, लेकिन कैसे अपने जीवनकाल में हर कदम पर संघर्ष कर, पांचों बच्चों की परवरिश पूरी हिम्मत के साथ स्वयं ही कुशलतापूर्वक की है, इस परिश्रम प्रेम-स्नेह को आपके, सदा ही मैंने प्रेरणार्थक संजीवनी बना यादगार रूप में जीवित रखा है । आपकी बचपन में सुनाई हुईं, ढेर सारी प्रेरणास्पद कहानियों में पूतना और नटखट कान्हा की अठखेलियां, आज भी मेरे सपने में हलचल करती हैं…आप यूं ही मेरे सपनों में जीवित हो, दादी हमेशा के लिए ।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
"प्रतिष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे अल्फाज याद रखना
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रस्म ए उल्फत भी बार -बार शिद्दत से
रस्म ए उल्फत भी बार -बार शिद्दत से
AmanTv Editor In Chief
#सामयिक_रचना
#सामयिक_रचना
*Author प्रणय प्रभात*
if you love me you will get love for sure.
if you love me you will get love for sure.
पूर्वार्थ
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
पत्नी की खोज
पत्नी की खोज
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
Neelam Sharma
*पाते जन्म-मरण सभी, स्वर्ग लोक के भोग (कुंडलिया)*
*पाते जन्म-मरण सभी, स्वर्ग लोक के भोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
तेरी खुशी
तेरी खुशी
Dr fauzia Naseem shad
अरमान
अरमान
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सीख
सीख
Dr.Pratibha Prakash
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
यादों को याद करें कितना ?
यादों को याद करें कितना ?
The_dk_poetry
पत्र
पत्र
लक्ष्मी सिंह
,,
,,
Sonit Parjapati
आम का मौसम
आम का मौसम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
हार को तिरस्कार ना करें
हार को तिरस्कार ना करें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...