Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2016 · 3 min read

भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व= रक्षाबन्धन

भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व= रक्षाबन्धन

रक्षाबन्धन भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व है ,/यह पर्व भाईचारा , विश्वबंधुत्व का संदेश देते हुये आत्मविश्वास ,और बहन की रक्षा का दृढ संकल्प का परिचायक है / आज वक्त के साथ हर धर्म के लोग यदाकदा बहन – भाई के दृढ प्रेम की मिसाल के रूप मे मनाते हैं , पर्व सद्भाव की मिसाल होती है।

रक्षाबंधन हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है ,, हिन्दू धर्मशास्त्र मनुस्मृति के अनुसार इसे चार वर्णों में विभाजित किया गया है =ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य , और शुद्र /ठीक उसी प्रकार हिन्दुओं के चार प्रमुख त्यौहार हैं ,,,, क्रमश ; श्रावणी [ रक्षाबंधन ] दशहरा , दीपावली और होली ======
रक्षाबंधन कब से मनाया जा रहा इस परम्परा की शुरुवात कब हुई ,,, प्रश्न का प्रश्न बना हुआ है,,, हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार[ भविष्य पुराण ] देवासुर संग्राम में देवताओं की विजय के लिए इन्द्रनी [ इन्द्र की पत्नी ने ] देव गुरु वृहस्पति द्वारा अभिमंत्रित कच्चे सूते [राखी] को बंधा ,,, उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी ,,, तद्पश्चात देवासुर संग्राम में देवराज इंद्र की विजय हुई ,,,,, श्रीमद देवीभागवत के अनुसार भगवान् विष्णु ने हयग्रीव का जन्म
लेकर वेदों की रक्षा की ,,,, वामन अवतार में राजा बलि की परीक्षा फासं में फसे भगवान नारायण की मुक्त कराने के लिए माँ लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपने पति भगवान् नारायण [विष्णु ] छुडाया /भगवान् सदैव अपने भक्त के आधीन होते हैं।उस दिन भी श्रावण मॉस की पूर्णिमा थी
============================
येनबध्दो बलि ; राजा दानवेन्द्रो महाबल.;
तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे माचल मा चल
============================

द्वापर में युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में कृष्ण द्वरा चेदिराज शिशुपाल का वध करते समय अंगुली कट जाने से द्रोपदी
द्वारा अपने साड़ी का आँचल फाड़कर कृष्ण की उंगली में बंधा उस दिन भी श्रावण मॉस की पूर्णिमा थी ,,,
उनकी रक्षा स्वरुप दुशासन द्वारा चीर हरण करने पर भक्त वात्सल्य भगवान् कृष्ण नंगे पाँव आकर
अपनी बहन की रक्षा किये , दस हजार हाथियों के बल से युक्त दुशासन विषमय में किंकर्तव्य विमूढ़ होकर
सोचने पर विवस हो जाता है /
साड़ी बीच नारी है कि नारी बीच साड़ी है ,,,,,[भ्रमक अलंकार ] का भ्रम उत्पन्न होजाता है ,,,,

===============================================================================
राजपूत महारानी कर्मवती ने मुग़ल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर अपने देश रक्षा की मांग की थी , और हुमायूँ ने गुजरात के शासक बहादुर शाह से उनके देश की रक्षा की थी /सुभद्रा कुमारी चौहान ने बड़े मार्मिक शब्दों में काव्यमय अंदाज में === लिखा है =
वीर हुमायूं बन्धु बना था /
विश्व आज भी साक्षी है /
प्राणों की बजी रख जिसने ,,
राखी का पत राखी है /
यही चाहती बहन तुम्हारी ,
देश भूमि को मत बिसराना /
स्वतंत्रता के लिए बंधू ,
हँसते -हंसते मर जाना /

सिकंदर महान की पत्नी द्वारा राजा पुरु को राखी भेजकर सिकंदर के प्राणों की रक्षा की मांग की थी /राष्टीय स्वयं सेवक संघ पुरुष सदस्य परस्पर भगवा कच्चा धागा [राखी ] बांधकर परस्पर प्रेम का इजहारकरते हैं ,,,, भारत के राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री के आवास बच्चों द्वारा राखी बंधा जाता है /कालांतर में यह पर्व भाई -बहन के मधुर संबंधो डोर बन गयी;श्रावण मास की पूर्णिमा को सुबह स्नान के उपरान्त बहन द्वरा भाई के दाहिने हाथ रोली अक्षत कुमकुम के साथ राखी बांधकर भाई के लम्बे उम्र उन्नति शुभाशीष प्रदान करती हैं ,, और भाई अपनी बहन यथाशक्ति द्रव्य के साथ बहन की रक्षा का वचन देता है/

महाराष्ट्र में समुद्र वरुण देव को नारियल अर्पण करना , भारत के बिभिन्न राज्यों में नाना प्रकार की परम्परायें है ,, ब्राह्मणों द्वारा यजमानों को रक्षा सूत्र बांधना ,,,,नाना प्रकार के पकवान अपनी परंपरा के अनुसार बनाते हैं ,आज वक्त के साथ-साथ धीरे धीरे सभी परम्पराएँ कलुषित होती जा रही हैं ,,, आधुनिकीकरण , समय का आभाव , रिश्ते के बदलते रंग प्रयोजन वाद का उदय ,, आदर्शवादी ,प्रकृति वादी परम्पराओं का ह्रास हमारे अभिसमयों [परम्परा ]का अस्तित्व बिखरता जा रहा है /

राखी तेरा कोई मोल नहीं है/
बहना तेरे प्यार का तोल नहीं है /
तेरे आशीष का कोई जोड़ नहीं है /
उसके आगे नतमस्तक दुनिया के दस्तूर सभी हैं /
अतुलनीय नेह है भाई -बहन के प्यार का ,
भावनाएं भी होती कायल इस पर्व का।

राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
1414 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
झूठ न इतना बोलिए
झूठ न इतना बोलिए
Paras Nath Jha
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
गुज़ारिश आसमां से है
गुज़ारिश आसमां से है
Sangeeta Beniwal
*विनती है यह राम जी : कुछ दोहे*
*विनती है यह राम जी : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
किस तरह से गुज़र पाएँगी
किस तरह से गुज़र पाएँगी
हिमांशु Kulshrestha
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
पूर्वार्थ
vah kaun hai?
vah kaun hai?
ASHISH KUMAR SINGH
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
विरही
विरही
लक्ष्मी सिंह
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
Shweta Soni
मेरे बुद्ध महान !
मेरे बुद्ध महान !
मनोज कर्ण
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
Sampada
यहाँ तो मात -पिता
यहाँ तो मात -पिता
DrLakshman Jha Parimal
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
याद आते हैं
याद आते हैं
Chunnu Lal Gupta
All your thoughts and
All your thoughts and
Dhriti Mishra
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
💐प्रेम कौतुक-458💐
💐प्रेम कौतुक-458💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
रोजी रोटी के क्या दाने
रोजी रोटी के क्या दाने
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...