Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2016 · 1 min read

उस बेवफ़ा की तरह

ये वक़्त भी गुजर गया बातोँ बातोँ मेँ,,,,,,,,,
दुरियाँ बदल न सकी मुलाकातो मेँ,,,,,,,,,
बिजलियोँ को छूने की तमन्ना सी जगी हैँ……….
यहाँ सिर्फ धुआँ हैँ तो आग कहाँ लगी हैँ……….
**** ******

चला जाऊंगा तेरी जिंदगी से ये पहचान छोड़कर,
तेरे टूटे हुए सपनो में मेरे निशान छोड़कर।
**** *****
लौट आने का दिल करे तो आ जाना मेरे हमदर्द,
मैं तो वहीं खड़ा हूँ जहाँ तुमने छोड़ा था………..
***** *******
कोई तो रोको इस बेदर्द मौसम को,
ये भी चला जाएगा उस बेवफा की तरह।
***** ******

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Comments · 554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यूँ इतरा के चलना.....
यूँ इतरा के चलना.....
Prakash Chandra
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
प्रिय-प्रतीक्षा
प्रिय-प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
जो घर जारै आपनो
जो घर जारै आपनो
Dr MusafiR BaithA
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Happy Father Day, Miss you Papa
Happy Father Day, Miss you Papa
संजय कुमार संजू
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
Anil chobisa
"औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पुरुष_विशेष
पुरुष_विशेष
पूर्वार्थ
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी इम्तिहान
ज़िंदगी इम्तिहान
Dr fauzia Naseem shad
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सनम
सनम
Satish Srijan
मौत का क्या भरोसा
मौत का क्या भरोसा
Ram Krishan Rastogi
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
सविता की बहती किरणें...
सविता की बहती किरणें...
Santosh Soni
बहुत अहमियत होती है लोगों की
बहुत अहमियत होती है लोगों की
शिव प्रताप लोधी
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
शेखर सिंह
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
Loading...