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21 Sep 2017 · 2 min read

हास्य मनहरण*

हास्य मनहरण

1. वादे की मनहरण

सही तो हमेशा भाई , बिल्कुल रहेगा सही,
सही काम में न कोई, बाधा होना चाहिये।।

मुझे जो पसन्द है तो, तुझे भी पसन्द होना,
फैसला हमारा नहीं, लादा होना चाहिये।।

चोरी के हिसाब में न, कोई चिटखोरी करो,
करो बटवारा आधा, आधा होना चाहिये।।

वादाओं में वादागिरी, दादाओं सी दादागिरी,
मादागिरी वाला नहीं, वादा होना चाहिये।।

2. जीजा की मनहरण

खाने वाने में हो चीज, खाने के काबिल वाली,
खाने में तुम्हारे नहीं, पीजा होना चाहिये।।

जाना वाना चाहे न विदेश कभी यार मेरे,
पास में जरूर पर, वीजा होना चाहिये।।

मामा वामा ताऊ वाऊ, नहीं बनो भाऊ वाऊ,
साला वाला नहीं तुम्हे, जीजा होना चाहिये।।

सीधे सीधे कोई आगे, होगा नहीं भाई मेरे,
बाजू होके आगे जाके, सीधा होना चाहिये।।

3. फ्रेंड की मनहरण

बोला डाकटर डांटकर के मरीज से कि,
चेस्ट पेन में तो बेड रेस्ट होना चाहिये।।

लाइक का लाइफ में बाइक की राइड में,
डाइट की बाइट में टेस्ट होना चाहिये।।

फ्रेंड भी जरूर होना, फ्रेंड पे गरूर होना,
फ्रेंड दुनिया में मेरा बेस्ट होना चाहिये।।

सभी बोलते हैं गेस्ट, गॉड होते धरती के,
इसीलिये टीचरों को, गेस्ट होना चाहिये।।

4. गेट की मनहरण

रोने लगा नौकर दुत्कार जो मिली थी ऐसी,
जोर से चिल्लाके बोला सेठ जो खराब है।

पेट की खराबी नहीं कोई भी बतायेगा ही,
कहते वो मिलेंगे टॉय-लेट जो खराब है।।

मित्रता भी चाहोगे तो कैसे तुम निभाओगे,
निरा ही गवार है वो ठेठ जो खराब है।।

खोट है नजर की नजर में ही खोट है तो,
आलिशां मकां में बोले, गेट जो खराब है।।

-साहेबलाल ‘सरल’
08989800500

Language: Hindi
660 Views
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