Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2017 · 1 min read

हाईकु एकादश

संसार के सर्वोच्च योगी वीतरागी दिगम्बर संतो के चरणों मे कोटि कोटि नमन करते हुए प्रस्तुत है उनकी महिमा मे इस लघु कवि का अल्प प्रयास सादर…

हाईकु-एकादश

दिगम्बर है
निर्मोही मुनी जन
बालकवत

दिगम्बर हैं
वीतरागी तपस्वी
हितोपदेशी

दिगम्बर हैं
परमशांत मुद्रा
ध्यान करिये

दिगम्बर हैं
प्राकृतिक जीवन
विशुध्दतम

दिगम्बर हैं
निजरूप लखिये
मुक्ति मिलेगी

दिगम्बर हैं
सबकुछ तजे जो
निज मे रमे

दिगम्बर हैं
कर पात्री बनें जो
मोक्ष यात्री वो

दिगम्बर हैं
परम वीतरागी
अध्यात्म योगी

दिगम्बर है
मौन भी रखें नित
मुनि अर्थ मे
१०
दिगम्बर हैं
जो कुछ करें बस
परमार्थ मे
११
दिगम्बर हैं
त्रय लोक भजता
प्रभु रुप मे

राजेन्द्र ‘अनेकांत’
बालाघाट दि.२७-०२-१७

Language: Hindi
419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
तू  मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
तू मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
बेनागा एक न एक
बेनागा एक न एक
*Author प्रणय प्रभात*
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
मंगल दीप जलाओ रे
मंगल दीप जलाओ रे
नेताम आर सी
जैसी सोच,वैसा फल
जैसी सोच,वैसा फल
Paras Nath Jha
कोयल (बाल कविता)
कोयल (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
बरसात (विरह)
बरसात (विरह)
लक्ष्मी सिंह
🌹*लंगर प्रसाद*🌹
🌹*लंगर प्रसाद*🌹
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
काश
काश
Sidhant Sharma
हमारी आंखों में
हमारी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
अद्भुद भारत देश
अद्भुद भारत देश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
* रंग गुलाल अबीर *
* रंग गुलाल अबीर *
surenderpal vaidya
एकांत
एकांत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
" ज़ख़्मीं पंख‌ "
Chunnu Lal Gupta
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
उर्दू
उर्दू
Surinder blackpen
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-322💐
💐प्रेम कौतुक-322💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
गलतियां ही सिखाती हैं
गलतियां ही सिखाती हैं
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...