Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

हाईकु अष्टक

आज के दिन पर देखिए हमारे हाईकु कुछ इस तरह

हाईकु-अष्टक

प्रेम ही पूजा
प्रेम के लिए लिखें
प्रेम समझ

प्रेम जब ही
प्रकृति के रँग मे
रंगें तब ही

सभी दिन हैं
शुभ दिन कोई न
प्रेम बिन है

उनकी रीत
वेलेंटाईन दिन
उनकी प्रीत

प्रेम की रीत
जनम जनम की
हमारी प्रीत

फूहड़ता है
वेलेंटाईन दिन
आज जो यहाँ

खुद को भूल
प्रेम की नकल है
आल जुलूल

हमारे यहाँ
स्थाई प्रेम के रिस्ते
वो और कहाँ

राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि.१४-०२-१७

Language: Hindi
324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
भारत अपना देश
भारत अपना देश
प्रदीप कुमार गुप्ता
"आग्रह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2733. *पूर्णिका*
2733. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
DESH RAJ
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
"उस इंसान को"
Dr. Kishan tandon kranti
"A Dance of Desires"
Manisha Manjari
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
आर.एस. 'प्रीतम'
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
वह नही समझ पायेगा कि
वह नही समझ पायेगा कि
Dheerja Sharma
मौसम खराब है
मौसम खराब है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
*Author प्रणय प्रभात*
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr Shweta sood
बढ़ रही नारी निरंतर
बढ़ रही नारी निरंतर
surenderpal vaidya
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
Ravi singh bharati
Loading...