Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2016 · 4 min read

सुविचार

1
बड़ी मंज़िलों के मुसाफ़िर छोटा दिल नहीं रखते…!

2
मैं धर्म में विशवास रखता हूँ…
इसीलिए ईश्वर और शांति में विशवास रखता हूँ…!

3
ज़रूरत के वक़्त ख़ुदा को याद करने वाला इंसान,ज़रूरत पूरी होने पर ख़ुदा को भूल
जाता है…!

4
परमपिता परमेश्वर का कोई धर्म नहीं है…!

5
लक्ष्मी सिर्फ “पुण्य” से मिलती है और पुण्य केवल “धर्म”, “कर्म” और “निःस्वार्थ सेवा” से ही मिलता है…!

6
मन का झुकना बहुत ज़रुरी है,
केवल सर झुकाने से
“ईश्वर” कभी नहीं मिलते….!

7
मन जितना स्थिर रहता है
उतना ही शांत रहता है….!

8
“ॐ श्री परमात्मने नम:”
हम सबका दिन शुभ एवं मंगलमय हो…!

9
“विचार ऐसे रखो कि
आपके विचारों पर किसी को
अवश्य ही विचार करना पड़े”

10
जीवन एक आइना है, ये तभी मुस्कुराएगा
जब आप मुस्कुराएंगे…
सदैव प्रसन्न रहिए….!

11
शुक्र अदा करते रहो उस रब का, जो बर्दाश्त से ज़्यादा ग़म नहीं देता मगर हैसियत से ज़्यादा ख़ुशी ज़रूर देता है…!

12
ईर्ष्या करने वाले के लिए यही दंड काफ़ी है कि जब आप प्रसन्न होते हैं तो वो उदास हो जाते हैं…..!

13
जिसमे दया नहीं उसमे कोई सद्गुण नहीं…!

14
हमारी नीयत की आज़माइश उस वक़्त होती है,जब हम किसी ऐसे इंसान की मदद करते हैं जिससे हमें किसी चीज़ के फ़ायदे की उम्मीद ना हो….!

15
ब्रह्मांड की तीन चीजें
“आत्मा, जागरूकता और प्रेम”
इन्हें कभी नष्ट नहीं किया जा सकता…!

16
किसी को उसकी ज़ात और लिबास की वजह से गरीब मत समझो, क्योंकि उसको देने वाला और तुमको देने वाला एक ही “ईश्वर” है….!

17
ॐ शांति
किसी भी कानून में क्रोध करने की कोई सजा नहीं होती, क्योंकि हमारा क्रोध ही हमें सजा देता है…!

18
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जितनी देर से उठोगे, उतनी ही ज़्यादा क़ुर्बानी देनी पड़ेगी….!

19
“क्रोध” वह हवा है जो “बुद्धि” के दीपक को बुझा देती है…!

20
ईश्वर को अपने अंतर्मन में ढूंढें
आकाश में नहीं….!

21
जो लोग ईश्वर की “आराधना” “स्वर्ग” की इच्छा से करते हैं, उनकी “आराधना” व्यापारियों की “आराधना” है…
जो लोग ईश्वर की “अर्चना” “नर्क” के डर से करते हैं, उनकी “अर्चना” दास की “अर्चना” है…
परंतु जो लोग ईश्वर की “वंदना” सुख-शांति के लिए करते हैं, वो सच्चे लोगों की “आराधना,अर्चना,एवं वंदना” है और यही सबसे “चारु” वंदना है….!

22
यदि आप विशद ज्ञान हासिल करना चाहते हैं तो इसे दूसरों को सिखाने लगिए…!

23
“औरो से मिलने मे दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त हैं…
कोई नही देगा साथ हमारा यहाँ
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है”

24
हर मुसीबत में सब्र करना सवाब का बायस है, सिवाय हमारे ग़म में आँसू बहाने के… क्योंकि हमारे ग़म का इज़हार व ऐलान बहुत अज्र रखता है….!

25
सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमज़ोर करती है….!

26
“मतलब” का वजन,
बहुत ज्यादा होता…तभी तो,
“मतलब” निकलते ही रिश्ते हल्के हो जाते है

27
पूजा “चित्र” की नहीं “चरित्र” की होती है…!

28
किसी को ज़लील करने से पहले ख़ुद ज़लील होने के लिए तैयार रहो, क्योंकि ख़ुदा का तराज़ू सिर्फ़ और सिर्फ़ इंसाफ़ तौलता है….!

29
किसी का सुधार उपहास से नहीं, उसे नए सिरे से सोचने और बदलने का अवसर देने से ही होता है…!

30
दिल में रखी नफरत भी झाड़ देना मित्र ये भी एक तरह का स्वच्छता
अभियान है…!

31
“परमात्मा शब्द नही जो हमें
किताब में मिलेगा..
परमात्मा मूर्ति नही जो हमें
मंदिर में मिलेगा..
परमात्मा इंसान नही जो हमें
समाज में मिलेगा..
परमात्मा तो जीवन है वो हमें…
हमारे अंतर्मन में मिलेगा”

32
हम इन्सान
हमेशा यह चर्चा करते हैं
और सोचते है कि भगवान है यां नहीं लेकिन
कभी यह नही सोचते कि हम इन्सान भी हैं यां नही….!

33
अगर दुनिया फ़तह करना चाहते हो तो अपनी आवाज़ और लहजे में नरमी पैदा करो…इसका असर तलवार से ज़्यादा होता है..!

34
कुछ लोग हमारी “सराहना” करेंगे
कुछ लोग हमारी “आलोचना” करेंगे
दोनों ही मामलो में हम “फायदे” मे हैं…
एक हमे “प्रेरित” करेगा और
दूसरा हमारे अंदर “सुधार” लाएगा…!

35
जो हमें समझ ही न सका
उसे हक है पूरा हमें
अच्छा-बुरा कहने का….
क्योंकि
जो हमें जान लेता है
वो हम पर जान देता है….!

36
जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है,
उस के जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता….!

37
“रोज सुप्रभात हो हिंदी में
हर शुरुआत हो हिंदी में…
हिंदी में हो सारी दिनचर्या
और शुभ-रात हो हिंदी में….”

38
“अभिमान” की ताकत फ़रिश्तों को भी “शैतान” बना देती है, और
“नम्रता” साधारण व्यक्ति को भी “फ़रिश्ता” बना देती है…!

39
किसी की संगत में आकर यदि आपके विचार शुद्ध होने लगें तो समझ लें…
वो कोई साधारण व्यक्ति नहीं…!

40

“समय” और “शब्दों” का
लापरवाही से उपयोग मत कीजिए
क्योंकि, इनमें से कोई भी
“वापस” नहीं आता है…..

41
“सच” की भूख सबको है,
लेकिन जब “सच” परोसा जाता है, तो बहुत ही कम लोगों को इसका स्वाद अच्छा लगता है….!

42
इंसान ना कुछ हँसकर सीखता है ना कुछ रोकर सीखता है जब भी कुछ सीखता है या तो किसी का होकर सीखता है या किसी को खोकर सीखता है….!

43
बहुत मुश्किल से मिलते हैं “एक मुखी”
रूद्राक्ष और इन्सान…!

44
मुझे वजह ना दो हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई होने की…
मुझे तो सिर्फ तालीम चाहिए एक “इंसान” होने की…!

45
मनुष्य स्वंम ईश्वर तक नहीं पहुंचता, बल्कि जब वह तैयार होता है तो ईश्वर स्वंम उसके पास आ जाते है…!

46
हे प्रभु
आशीर्वाद की वर्षा करते रहो…
खाली झोलियां सबकी भरते रहो…
तेरे चरणों में सर को झुका ही दिया है…
तो गुनाहों की माफ़ी और दुःखों को दूर करते रहो….!

47
किसी इंसान की ख़ूबी को पहचानो और उसे बयान करो, लेकिन अगर किसी की ख़ामी मिल जाए तो यहाँ तुम्हारी ख़ूबी का इम्तेहान है….!

48
किस्मत की एक आदत है कि
वो पलटती जरुर है
और जब पलटती है
तब सब कुछ पलटकर रख देती है…!

49
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो,
जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो….!

50
“निंदा” से घबराकर अपने “लक्ष्य” को ना छोड़े,क्यों कि…”लक्ष्य” मिलते ही निंदा
करने वालों की “राय” बदल जाती है…!

51
अगर आप ख़ुश रहना चाहते हैं तो ना ही किसी उम्मीद रखो और ना ही शौक़ रखो…!

52
मंदिर जाने से बेहतर पुस्तकालय जाइए औरअपने देश को शक्तिशाली बनाइए..

सुनील पुष्करणा

Language: Hindi
636 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Love
Love
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
काशी
काशी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !
बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !
DrLakshman Jha Parimal
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
*Author प्रणय प्रभात*
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
हमदम का साथ💕🤝
हमदम का साथ💕🤝
डॉ० रोहित कौशिक
"द्वंद"
Saransh Singh 'Priyam'
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
"कोरा कागज"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वर्ग से सुन्दर
स्वर्ग से सुन्दर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
Shashi kala vyas
चेहरे की तलाश
चेहरे की तलाश
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-511💐
💐प्रेम कौतुक-511💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
Loading...