Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

(१)अधरों पर मुस्कान खिली जब
आँगन देखी फुलवारी।
उन्मादित नयना हर्षाए
द्वार हँसी जब किलकारी।।

(२)ढह गए प्यार के सपने बिछे जब शूल राहों में
जली अरमान की बस्ती रहे ना फूल बाहों में।
मरुस्थल बन गया जीवन सुलगती रेत छाई है
कहाँ जाऊँ बतादे तू रुदन दिल में समाई है।।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)

Language: Hindi
362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
Rj Anand Prajapati
शब्दों में समाहित है
शब्दों में समाहित है
Dr fauzia Naseem shad
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-508💐
💐प्रेम कौतुक-508💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
Yogendra Chaturwedi
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटियां एक सहस
बेटियां एक सहस
Tarun Singh Pawar
मा भारती को नमन
मा भारती को नमन
Bodhisatva kastooriya
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
विमला महरिया मौज
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
विश्व शांति की करें प्रार्थना, ईश्वर का मंगल नाम जपें
विश्व शांति की करें प्रार्थना, ईश्वर का मंगल नाम जपें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2362.पूर्णिका
2362.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*Author प्रणय प्रभात*
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
Laghukatha :-Kindness
Laghukatha :-Kindness
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पहाड़ पर बरसात
पहाड़ पर बरसात
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
पुस्तकें
पुस्तकें
नन्दलाल सुथार "राही"
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ईगो का विचार ही नहीं
ईगो का विचार ही नहीं
शेखर सिंह
चाटुकारिता
चाटुकारिता
Radha shukla
फितरत................एक आदत
फितरत................एक आदत
Neeraj Agarwal
Loading...