Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2017 · 1 min read

**** मरने से कौन डरता है ****

मरने से कौन डरता है कमबख्त

यहां तो जीने से ही तंग आ गए हम
।।

?मधुप बैरागी

तकलीफ में दिल है मेरा कितना आजकल और आप

देखकर चेहरा कहते हो वाह कितने सुंदर हैं आप ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
प्रिय विरह - २
प्रिय विरह - २
लक्ष्मी सिंह
24/230. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/230. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
एक सबक इश्क का होना
एक सबक इश्क का होना
AMRESH KUMAR VERMA
हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
Taj Mohammad
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सावन का महीना
सावन का महीना
Mukesh Kumar Sonkar
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
पूर्वार्थ
ख़ामोश सा शहर
ख़ामोश सा शहर
हिमांशु Kulshrestha
और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
Sonu sugandh
बाढ़ का आतंक
बाढ़ का आतंक
surenderpal vaidya
नन्ही परी चिया
नन्ही परी चिया
Dr Archana Gupta
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अटल-अवलोकन
अटल-अवलोकन
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
*न धन-दौलत न पदवी के, तुम्हारे बस सहारे हैं (हिंदी गजल)*
*न धन-दौलत न पदवी के, तुम्हारे बस सहारे हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
■ अक्लमंदों के लिए।
■ अक्लमंदों के लिए।
*Author प्रणय प्रभात*
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
Loading...