Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ पढ़ाइये

●अनंद छंद●
आधारित गीत
शिल्प ~ [जगण, रगण, जगण, रगण + लघु गुरु]
   {121 212 121 212 12}

करो प्रचार खूब बेटियाँ पढ़ाइये ।
विचार नेक आज बेटियाँ बचाइये ।।

जगे प्रभाव ज्ञान से समाज ये अभी ।
मशाल थाम के चलो रुको नहीं कभी ।।
सुझाव मानते हुऐ यहाँ बढ़ो सभी ।
बनो प्रतीक तेज आज प्रेरणा तभी ।।
स्वभाव से मुदा हिये सुता बसाइये …….

बने प्रकाश लोग मार्ग देख के चलें ।
न अन्धकार कालिमा कहीं नहीं पलें ।।
थके नहीं डटे नहीं कभी अड़ान पे ।
रुके नहीं उड़े चले सदा उड़ान पे ।।
सँवार दे जहान को इन्हें उड़ाइये ……..

बने मकान यूँ विशाल आसमान में ।
दिखा चुकी उड़ान कल्पना जहान में ।।
तमाम कल्पना नवीन बेटियाँ बनें ।
सधी हुई पढ़ी प्रवीण बेटियाँ बनें ।।
बिना पढ़ी यहाँ न बेटियाँ बनाइये ……

करे पिता व मात कर्म गाँव गाँव में ।
प्रधान पंच लें कमान धूप छाँव में ।।
करो सभी बचाव के प्रयास बेटियाँ ।
दिखा चलो मिले सही विकास बेटियाँ ।।
उदारता महान संजु रोज गाइये ……..

पता:
संजय कौशिक “विज्ञात”
शॉप न. 7 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
बिहोली रोड समालखा पानीपत
हरियाणा 132 101
संपर्क सूत्र 9991505193

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 941 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बृद्ध  हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
एक शख्स
एक शख्स
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
💐प्रेम कौतुक-541💐
💐प्रेम कौतुक-541💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
कुछ लोग ऐसे भी मिले जिंदगी में
कुछ लोग ऐसे भी मिले जिंदगी में
शेखर सिंह
तुम तो हो गई मुझसे दूर
तुम तो हो गई मुझसे दूर
Shakil Alam
संत कबीर
संत कबीर
Lekh Raj Chauhan
मजबूरी
मजबूरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहा-सुराज
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
कहे महावर हाथ की,
कहे महावर हाथ की,
sushil sarna
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
Rj Anand Prajapati
अकेला बेटा........
अकेला बेटा........
पूर्वार्थ
2739. *पूर्णिका*
2739. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
प्रेम
प्रेम
Dr. Kishan tandon kranti
अपने होने की
अपने होने की
Dr fauzia Naseem shad
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
नहीं हूँ अब मैं
नहीं हूँ अब मैं
gurudeenverma198
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
सत्य कुमार प्रेमी
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...