Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2017 · 1 min read

बडा हो गया बचपन

जादू की पोटली
अलादीन के चिराग
रंगीन सी बातों
रंगों ,सपनों में गुम
चंपक नंदन की बातें
कागज की नाव
लकडी मिट्टी के खिलौने
अब वैसे नही हो तुम
कहीं खो गये हो बचपन
तब कहां मालूम था
तितलियों के पीछे भागने
में पेट नही भरा करते
अलग अलग रंगों से
भरे रंगीन कैनवाश
जीवन में इतनी आसानी
से उतरा नही करते
जब चित्र बनाये घरों व
फुलों से लदे आंगन के
तब कहां मालूम था
घर बनाते एक दशक
चुटकियों में निकल कर
कई सवाल, संकेत
पीछे छोड जाते है
बडा होकर भी बचपन
अजब हैरान करता है
अकेले में बैठो तो चुपके से
कभी कभी मन ही मन
वो आज भी शैतानियां
बेमिशाल करता है,यूंही बस
देखते ही देखते बडा हो गया
एक छोटा सा बचपन !!!!!

नीलम नवीन “नील”
देहरादून

Language: Hindi
712 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
Anju ( Ojhal )
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
ruby kumari
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
कवि दीपक बवेजा
"साड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
पूर्वार्थ
मैं उन लोगो में से हूँ
मैं उन लोगो में से हूँ
Dr Manju Saini
है मुश्किल दौर सूखी,
है मुश्किल दौर सूखी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ड्यूटी
ड्यूटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
Abhishek prabal
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
मुहब्बत हुयी थी
मुहब्बत हुयी थी
shabina. Naaz
■ प्रणय के मुक्तक
■ प्रणय के मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
2505.पूर्णिका
2505.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हो रही बरसात झमाझम....
हो रही बरसात झमाझम....
डॉ. दीपक मेवाती
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
'अशांत' शेखर
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
Ravi Prakash
पके फलों के रूपों को देखें
पके फलों के रूपों को देखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विषाद
विषाद
Saraswati Bajpai
प्रात काल की शुद्ध हवा
प्रात काल की शुद्ध हवा
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-512💐
💐प्रेम कौतुक-512💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
Anand Kumar
Loading...