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11 Dec 2016 · 1 min read

फिर कभी दिल टूटा नहीं मेरा

खुद से दिल लगा कर जब देखा,
फिर कभी दिल टूटा नहीं मेरा।

दूसरों को खुद से बांधना छोड़ दिया,
तब से इस सफ़र में कोई छूटा नहीं मुझसे।

चेहरे पर लहराती एक मुस्कान बसा ली मैंने,
फिर जीवन में कभी कोई रूठा नहीं मुझसे।

हर कदम खुश रहने की कला सीख ली मैंने,
ज़िन्दगी बीतती नहीं, अब महकती है मेरे साथ।

————–शैंकी भाटिया
अक्टूबर 1, 2016

Language: Hindi
296 Views
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