Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2017 · 1 min read

*** प्लीज हमें ब्लॉक कर दें ***

5.7.17 ** प्रातः ** 8.55

हसीनाओं से गुजारिश है

प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें

कल देख हुस्न उनका यदि

हृदय में इश्क पैदा हो जाये

और हम तारीफ़ कर बैठे उनकी

अपनी कलमे-जुबां से बार-बार

हो ना हो वो यूं शुक्रगुज़ार

खैर कोई बात नहीं अपनी

गुरूर-ए-शोक पाला है तभी

तो इश्क में गड़बड़झाला है

वो मगरूर हम मजबूर ना हो

हुस्नवालों से अब पड़े ना पाला

अदाएं अटपटी उनकी ग़जब

पहचाने ना बेचारा घरवाला

हसीनाओं से गुजारिश है

प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें

भाव खाती हैं दाल-चावल सा

घर की मुर्गी दाल बराबर आ

एफ बी पर बैखोफ रुतबा है

घर में वर की घर लुगाई सा

हसीनाओं से गुजारिश है

प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें

हम तारीफ़ के पुल बांधे और

तुम उस पर से गुजर जाओ

ना जमीं पर पाँव टिकते हो

ना सुदूर- आकाश-छूते हो

रह जायेंगे ख़्वाब-मृगमरीचिका

क्यों ऐसा ख़्वाब संजोते हो

हसीनाओं से गुजारिश है

प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें

वरना लगाये ना तोहमत वो

हम पर चरित्र हनन की वो

दोषारोपण करने से पहले

प्लीज़ हमें ब्लॉक वो कर दें

हसीनाओं से गुजारिश है

प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें ।।
प्लीज़

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
Be happy with the little that you have, there are people wit
Be happy with the little that you have, there are people wit
पूर्वार्थ
■ आह्वान करें...
■ आह्वान करें...
*Author प्रणय प्रभात*
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
Kishore Nigam
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
..
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
छल.....
छल.....
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
हमें आशिकी है।
हमें आशिकी है।
Taj Mohammad
* अवधपुरी की ओर *
* अवधपुरी की ओर *
surenderpal vaidya
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
पिछले पन्ने 4
पिछले पन्ने 4
Paras Nath Jha
देश खोखला
देश खोखला
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
"दोस्ती का मतलब"
Radhakishan R. Mundhra
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
कवि दीपक बवेजा
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
जिंदगी में दो ही लम्हे,
जिंदगी में दो ही लम्हे,
Prof Neelam Sangwan
Loading...