Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

नारी शक्ति

?????
श्रेष्ठतम संस्कारों से परिष्कृत है नारी।
सतत् जाग्रत और सहज समर्पित है नारी।
?
जीवन-शक्ति की संरचना करने वाली है नारी।
आदिरूपा,आदिशक्ति,महामाया,काली है नारी।
?
विश्व ब्रह्मांड में जीवन सत्ता का आधार है नारी।
सभ्यता और संस्कृति का निखार है नारी।
?
पावन परम्पराओं से प्रतिबद्ध है नारी।
सावित्री,सीता,अग्नि सी शुद्ध है नारी।
?
जीवनदायिनी, ब्रह्मचेतना स्वरूप है नारी।
वेदमाता,देवमाता, विश्वमाता, का रूप है नारी।
?
अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील है नारी।
जीवन के हर क्षेत्र में प्रगतिशील है नारी।
?
नफरत भभरी इस दुनिया में प्यार है नारी।
माँ, पत्नी, बहन, बेटी का दुलार है नारी।
?
गृहणी, गृहस्वामिनी तथा गृहलक्ष्मी है नारी।
दुर्गा,रति,सती, पार्वती व सरस्वती है नारी।
?
भेदभाव के दंश को झेलती
प्रगति पथ पर अग्रसर है नारी।
पहुंच चूकी है एवरेस्ट और चाँद पर नारी।
?
मृत्यु को झुका कर पुरस्कृत है नारी।
सत्यम्,शिवम् व सुन्दरम् से अलंकृत है नारी।
?
हर क्षेत्र हर दिशा में मर्दों के संग है नारी।
अर्धनारीश्वर रूप में शिव का आधा अंग है नारी।
?
अबला नहीं सबला है आज की नारी।
हर जंजीरों को तोड़ आगे बढ़ चली नारी।
?
राजनीति से लेकर सर्विस सेवा तक नारी।
अब जाने लगी श्मशान घाट तक नारी।
?
घर-बाहर सम्हालती दोधारी तलवार है नारी।
समाजिक हर एक कार्य में भागीदार है नारी।
?
अनबुझ, अनोखा, जीवन साध्य है नारी।
युगों-युगों से हर युग में आराध्य है नारी।
?????—लक्ष्मी सिंह ??

Language: Hindi
1478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"सच्ची जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
VINOD CHAUHAN
आज फिर उनकी याद आई है,
आज फिर उनकी याद आई है,
Yogini kajol Pathak
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
Keshav kishor Kumar
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
//  जनक छन्द  //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
पूर्वार्थ
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
Dr. Man Mohan Krishna
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
आज भगवान का बनाया हुआ
आज भगवान का बनाया हुआ
प्रेमदास वसु सुरेखा
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
आर एस आघात
पल
पल
Sangeeta Beniwal
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नेपालीको गर्व(Pride of Nepal)
नेपालीको गर्व(Pride of Nepal)
Sidhartha Mishra
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
वह जो रुखसत हो गई
वह जो रुखसत हो गई
श्याम सिंह बिष्ट
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
जीवन के आधार पिता
जीवन के आधार पिता
Kavita Chouhan
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
रेणुका और जमदग्नि घर,
रेणुका और जमदग्नि घर,
Satish Srijan
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बिन मौसम बरसात
बिन मौसम बरसात
लक्ष्मी सिंह
Loading...