Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2017 · 1 min read

दो रचनायें प्रकाशनार्थ

दो रचनायें पाठकों के सम्मुख हैं।प्रतिक्रिया चाहूँगा।
—————–
“रुँधे गले से”
—————–
रुँधे गले से
मत बोल
कौन सुनेगा?
जो तू कहेगा !
वो दर्द
वो वेदना
दो शब्द
जो कहेगा
वो ही होंगे अस्पष्ट !
कौन समझेगा ?
तो रो
तो चिल्ला
तो ही ‘वो’सुनेगा
तेरी व्यथा
————————-
राजेश”ललित”शर्मा
————————-
“डबडबाती आँखों से”
————————
डबडबाती आँखों से
न देख सपने,
सब धुँधला जायेंगे।
कौन अपना?
कौन पराया?
परछाईं भर,
रह जायेंगे।
———————-
राजेश”ललित”शर्मा
—————–

Language: Hindi
4 Likes · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
*पापा (बाल कविता)*
*पापा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
का कहीं रहन अपना सास के
का कहीं रहन अपना सास के
नूरफातिमा खातून नूरी
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
तारों जैसी आँखें ,
तारों जैसी आँखें ,
SURYA PRAKASH SHARMA
*अनमोल हीरा*
*अनमोल हीरा*
Sonia Yadav
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
Phool gufran
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
■ समझो रे छुटमैयों...!!
■ समझो रे छुटमैयों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
"जुबां पर"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
#गुरू#
#गुरू#
rubichetanshukla 781
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
यूँ इतरा के चलना.....
यूँ इतरा के चलना.....
Prakash Chandra
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
2724.*पूर्णिका*
2724.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी भ्रम में मत जाना।
कभी भ्रम में मत जाना।
surenderpal vaidya
मेरे वतन मेरे चमन तुझपे हम कुर्बान है
मेरे वतन मेरे चमन तुझपे हम कुर्बान है
gurudeenverma198
रावण की हार .....
रावण की हार .....
Harminder Kaur
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
मेरी कविता
मेरी कविता
Raju Gajbhiye
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr Shweta sood
युवा है हम
युवा है हम
Pratibha Pandey
किसी के दर्द
किसी के दर्द
Dr fauzia Naseem shad
Loading...