Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2017 · 1 min read

दुमदार दोहे

आज देखिए हमारे कुछ दुमदार दोहे…

दुमदार दोहे…


लोकतंत्र जब देश मे,
भीड़तंत्र बन जाय।
सही गलत की सोच तब,
भीड़ में ही खो जाय।।
.. दुम
पिसे जनता बेचारी।
भीड़ मे ताकत भारी।।

स्वार्थ भाव जब पनपता,
पनपे भ्रष्टाचार।
करे खोखला देश को
कोशिश सब बेकार।।
दुम
आपसी जो इकरारी।
स्वार्थी सत्ताधारी।।

महगाई की मार से,
कमर टूट गई आज।
रिश्वतखोरी हर कदम,
पूरा दुखी समाज।।
दुम
कुछ भी न होय कमाई।
पास की पुँजी गमाई।।

बत्तीस रुपये रोजी,
बनी गरीबी रेख।
सरकारी यह आंकड़ा,
हे!ईश्वर अब देख।।
दुम
नियत कैसी सरकारी।
सुनो तुम टेर हमारी।।

दप्तर मे लगी कतार,
आज काम न होय।
कल बाबू जी बीमार,
कतार दोगुनि होय।।
दुम
करुँ क्या मै महतारी।
खेल मे उनकी पारी।।

रिश्वत औषधि दीजिये,
बाबू जी तब टंच।
काम बनेगा आपका,
करें उन्हीं संग लंच।।
. दुम
लंच मे शक्ति भारी।
इसी से दुनिया हारी।।

भ्रष्टाचारी देश के,
माथे लगा कलंक।
जनता का हक छीनकर,
करे देश को रंक।।
दुम
दुष्ट वो अत्याचारी।
लगी उसको बीमारी।।

अपनी चादर नापकर,
लीजे पैर पसार।
पाप कमाई न करें,
चाहे कष्ट हजार।।
दुम
नही तो फिर अँधियारी।
घूमले दुनियाँ सारी।।

राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि.३०-०१-१७

Language: Hindi
1782 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ना कुछ जवाब देती हो,
ना कुछ जवाब देती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
'स्वागत प्रिये..!'
'स्वागत प्रिये..!'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मत पूछो मुझ पर  क्या , क्या  गुजर रही
मत पूछो मुझ पर क्या , क्या गुजर रही
श्याम सिंह बिष्ट
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
*Author प्रणय प्रभात*
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-162💐
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
Paras Nath Jha
2338.पूर्णिका
2338.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
दिल में
दिल में
Dr fauzia Naseem shad
वो लोग....
वो लोग....
Sapna K S
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
Ravi Prakash
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
Ms.Ankit Halke jha
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
हाथ की उंगली😭
हाथ की उंगली😭
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
करन ''केसरा''
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...