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22 Nov 2016 · 1 min read

दीदार अधुरा था

हूश्न के द्वार पर देखा, हूश्न जुल्फों में उलझा था!

मिला दिल को सुकूं कि, ऐसा हमने नजारा देखा था!

उसकी भीगी जुल्फों में, आंखें ठहरी दिल खोया था!

हम खोये नीली आंखों में, जब उसने हमको देखा था!

वो पलटी मूं युं बनाकर, अब उसको हमपर शक था!

हम फिदा हुये इस कारीगरी पर, यह उसको भी एहसास था!

ऐसा हुआ था पहली बार, जब हमने उससे कुछ मांगा था!

दो पल और दे ऐसे खुदा, ऐ दीदार अभी अधूरा था!

Language: Hindi
3 Comments · 630 Views
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