Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2017 · 1 min read

जीवन के दिन रात

भाई मेरे बन गए, तब से अतिथि समान ।
जबसे उनके हो गए, अपने अलग मकान।।

एक छोर पर ख्वाहिशें ,.. दूजे पर औकात!
जिसमे फँस कर रह गये,जीवन के दिन रात! !

आएेंगे हद मे कई, निश्चित ही कुछ यार!
किया दुश्मनों का अगर,बेनकाब रुखसार ! !
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
Shubham Pandey (S P)
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
'अशांत' शेखर
प्रतिध्वनि
प्रतिध्वनि
पूर्वार्थ
दोहे-बच्चे
दोहे-बच्चे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बेटी
बेटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"वेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
शिव प्रताप लोधी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Muhabhat guljar h,
Muhabhat guljar h,
Sakshi Tripathi
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
गाय
गाय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
2268.
2268.
Dr.Khedu Bharti
दिल -ए- ज़िंदा
दिल -ए- ज़िंदा
Shyam Sundar Subramanian
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
सृजन पथ पर
सृजन पथ पर
Dr. Meenakshi Sharma
हौसलों की ही जीत होती है
हौसलों की ही जीत होती है
Dr fauzia Naseem shad
छोटे-मोटे मौक़ों पर
छोटे-मोटे मौक़ों पर
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...