Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2017 · 1 min read

जीवन और जीवन-दर्शन

सांप तो निकल गया,
लाठी भी टूट गई,
हाथ कुछ नहीं लगा,
वही डर वही खौफ,
जीवन तो जिया ही नहीं,
कसक नफरत बेचैनी बढ़ती गई,
मानव जन्म फिर व्यर्थ जाता हुआ,
.
पाबंदियों का माहौल है,
हमारे देश में,समाज में
ज्यादातर चीजों पर रोक लगाई जाती है,
हम जानने के लिए उत्सुकता ही नहीं है,
हमें जागरण की आवश्यकता भी नहीं है,
इस तरह के विचार है हमारे,
.
बहुत बार जाग चुके है,
कोई एक जागा,
उससे ही काम चलाया,
कोई मूल्य नहीं रह गया जागरण का,
उस जागरण से कोई फायदा नहीं हुआ,
भारत के सिर पर से निकलता हुआ,
चीन,जापान पँहुच गया,
तलहटी श्रीलंका तक विस्तार हुआ,
हमने अपने आवरण, कवच नहीं टूटने दिए,
.
हमें कोई रोके,हमें बहुत पसंद है,
कोई हमारी नींद तोड़े दुश्मन है हमारा,
ऐसे जगाने वाले बहुतों को हमने मारा है,
आज हम उनके चित्र पर माला डाल पूजन करते है,हमारी आत्म-ग्लानि यही नहीं रुकती आगे बढ़ी चली जाती है,
.
हम कोरे कागज़ को अशुभ् मानते है,
खाली कागज,दीवार पर ऐसे मौके पर विज्ञापन जरूर लिखते है,ताकि खाली मन शैतान न बन सके,
.
हम गुलामी को बदलने में माहिर है,
दुकानें बदलते रहते है,आदत नहीं,

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भ्रमन टोली ।
भ्रमन टोली ।
Nishant prakhar
मज़दूरों का पलायन
मज़दूरों का पलायन
Shekhar Chandra Mitra
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
@ranjeetkrshukla
@ranjeetkrshukla
Ranjeet Kumar Shukla
"पुतला"
Dr. Kishan tandon kranti
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
शेखर सिंह
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
Dr Pranav Gautam
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
समझना है ज़रूरी
समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
* प्यार की बातें *
* प्यार की बातें *
surenderpal vaidya
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
रिश्तों का सच
रिश्तों का सच
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
बचपन के पल
बचपन के पल
Soni Gupta
माय
माय
Acharya Rama Nand Mandal
-- दिखावटी लोग --
-- दिखावटी लोग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
Ashwini sharma
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
Loading...