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6 Aug 2016 · 1 min read

कर्मचारी और सरकार

किसी सरकार बणी या म्हारै हरियाणे म्ह,
कर्मचारियाँ नै रोकना चाहवै स थाणे म्ह।

तानाशाही रवैया अपणाण लाग री स या,
दुश्मन बणाण लाग री सबनै अनजाणे म्ह।

निजीकरण म्ह नित धर री स या सरकार,
मजा आ रहया इसनै कर्मचारी हटाणे म्ह।

बिजली विभाग कै पाछै पड़ री स सरकार,
जिसा आवै इसनै रोज हड़ताल करवाणे म्ह।

शिक्षा विभाग की बी रे रे माटी कर राखी,
राजी स या स्कूलां कै ताले भिड़वाणे म्ह।

रोड़वेज आले बी चक्का जाम करण म्ह सं,
राजी कोण्या या सरकारी बस चलाणे म्ह।

कर्मचारियाँ की दुश्मन बन री या सरकार,
कसर ना छोड़ण लाग री आवाज दबाणे म्ह।

यू ऐ हाल रहा तै दोबारा ना बणै या सरकार,
कसर कोणी छोड़ी विकास नै हाल बताणे म्ह।

©® विकास शर्मा

Language: Hindi
622 Views
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