कट्टी बट्टी
शाम हो गई थी बंटू बाहर खेलने जाने की बजाया एक किताब पढ़ रहा था. उसकी मम्मी जब कमरे में आईं तो उन्होंने आश्चर्य से पूंछा “क्या बात है. बाहर खेलने नहीं गए. तबीयत तो ठीक है.”
“मैं उन लोगों के साथ नहीं खेलूंगा. सब बेइमानी करते हैं.” बंटू ने किताब में सर घुसाए हुए कहा.
“ऐसा नहीं कहते. वह सब तुम्हारे दोस्त है.” मम्मी ने समझाया.
बंटू ने गुस्से से कहा “कोई मेरा दोस्त नहीं. मेरी सबसे कुट्टी है.”
उसकी मम्मी काम में लग गईं. बंटू किताब पढ़ने लगा. बाहर से बच्चों के खेलने की आवाज़ें आ रही थीं. बंटू ने अपना ध्यान वहाँ से हटाने की कोशिश की. कुछ देर वह किताब लिए बैठा रहा. फिर किताब बंद कर बाहर आ गया. गली में खेलते बच्चे दिखाई दे रहे थे. वह घर के गेट पर जाकर खड़ा हो गया. कोई भी उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था. उसने धीरे से गेट खोला और गली में आ गया. पप्पू ने शॉट मारा. गेंद उसके पास आकर गिरी. उसने गेंद उठाई और बच्चों की तरफ उछाल दी.
पप्पू बोला “खेलोगे , पर फील्डिंग करनी पड़ेगी.”
बंटू ने कुछ सोंचने का नाटक करते हुए कहा “ठीक है पर तुम लोग आगे से बेइमानी नहीं करोगे.”