Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2017 · 1 min read

और तुम कहते हो कि तुम सुखी हो !

तुम केवल बाहर से हँसते हो,
दिखावटी..
अंदर से बेहद खोखले हो तुम,
घुटन, असंतुष्टि, पीड़ा, अपमान, अहम्, ईर्ष्या..
इन सबको कही गहरे में लपेटे हो तुम
और कहते हो कि तुम सुखी हो!

तुम्हारी रग रग का पसीना
हद से ज्यादा नमकीन है
क्योंकी इसमें तुम्हारे आंसू मिले हैं.

वही आंसू जिन्हें तुम सिर्फ अकेले में बहाते हो,
और दुनिया को कहते हो की
तुम सुखी हो,

तुम्हारा अकेलापन तुम्हे खाने को दौड़ता
है
हर हादसा तुम्हे पाने को दौड़ता
है
चक्रव्यूहों में फसे हो
एक के बाद एक ..
और कहते हो की तुम सुखी हो?

तुम्हारा बहिर्मन बार बार परास्त होता
है तुम्हारे अंतर्मन से
और तुम कहते हो की तुम सुखी हो?

– नीरज चौहान

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 456 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
और भी हैं !!
और भी हैं !!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
दूसरा मौका
दूसरा मौका
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
2908.*पूर्णिका*
2908.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
Ashish shukla
💐प्रेम कौतुक-383💐
💐प्रेम कौतुक-383💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नज़र चुरा कर
नज़र चुरा कर
Surinder blackpen
कोतवाली
कोतवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है
Vishal babu (vishu)
माता की महिमा
माता की महिमा
SHAILESH MOHAN
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
"खेलों के महत्तम से"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
■ बड़ा सच...
■ बड़ा सच...
*Author प्रणय प्रभात*
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
दरख़्त और व्यक्तित्व
दरख़्त और व्यक्तित्व
Dr Parveen Thakur
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
Swami Ganganiya
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
Rashmi Sanjay
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...