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17 Sep 2016 · 1 min read

आऊँगा मैँ रंग लगाने

आऊँगा मैँ रंग लगाने
॰ ॰ ॰ ॰ ॰
अबकी नव रस धार बहाने
मन की चाहत को भड़काने
सोई आशा एक जगाने
आऊँगा मैँ रंग लगाने
हरदम तुमसे दूर रहा हूँ
कारण मैँ मजबूर रहा हूँ
तड़पा हूँ मैँ तुमसे ज्यादा
पूरा होगा अबकी वादा
होली मेँ तुमसे मिलने मैँ
सूखा हूँ लेकिन खिलने मैँ
आऊँगा तेरी बाँहोँ मेँ
आती हो जैसे आहोँ मेँ
सजना मेरी रानी ऐसे
शादी मेँ थी लगती जैसे
प्यार बहुत तुमसे हूँ करता
मिलने से पहले हूँ डरता
फिर से रोजी दूर करेगी
फिर हमको मजबूर करेगी
लेकिन पल जो मिल जायेँगे
उसमेँ ही हम खिल जायेँगे
इक दूजे को रंग लगाकर
बिछड़ेँगे फिर अंग लगाकर

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
193 Views
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