Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2016 · 1 min read

अगर पास……………….. आजमा लेते |गीत|

अगर पास आके मुस्करा देते
मिट जाते शिकवे आजमा लेते
दिल की कहानी थोड़ा कह देते
तेरे ही तो हैं आजमा लेते

अगर पास…………………………………….. आजमा लेते

तन्हाई दूर सारी हो जाती
तुम अगर दिल से बुला लेते
पत्थरों में भी फूल खिल जाते
प्रेम के अगर तुम बीज बरसाते

अगर पास…………………………………….. आजमा लेते

नैनों के मोती सब रुक जाते
तुम अगर दूर जब नही जाते
अर्पण जो तन मन कर देते
बसा लेते दुनिया आजमा लेते

अगर पास…………………………………….. आजमा लेते

सपनों से काश बाहर आ जाते
प्रेम की तुम ज्योति जला जाते
हम पंछी बन उड़ – उड़ जाते
बन जाते रिश्ते आजमा लेते

अगर पास…………………………………….. आजमा लेते

“मनोज कुमार”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां की ममता जब रोती है
मां की ममता जब रोती है
Harminder Kaur
डारा-मिरी
डारा-मिरी
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
जय हिन्द वाले
जय हिन्द वाले
Shekhar Chandra Mitra
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
sushil sarna
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
" खामोशी "
Aarti sirsat
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आप जरा सा समझिए साहब
आप जरा सा समझिए साहब
शेखर सिंह
2462.पूर्णिका
2462.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ आओ मेरे द्वार
माँ आओ मेरे द्वार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
*जब अँधेरा हो घना, दीपक जलाना चाहिए 【मुक्तक】*
*जब अँधेरा हो घना, दीपक जलाना चाहिए 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...