Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2017 · 2 min read

लेख

बड़ी बिडंमना है साहब … सच से क्यों मुँह मोड़ते हैं लोग यहाँ ? मुझे कोई संकोच नहीं कि मैं #उत्तराखंडी हूँ पहाड़ी हूँ और सीधा-साधा साधारण इंसान भी , कल ही मैं बस में कहीं जा रहा था मेरे आगे वाली सीट पर एक अधेड़ उम्र की कोई महिला अपने 10-12 साल के बच्चे के साथ बैठी थी , बस वाला भी लोकल ही लग रहा था उसने बस में सिस्टम पर गढ़वाली गाने लगाये थे ! बस में आधे से ज्यादा लोग पहाड़ी ही बैठे थे . एक आधा गाना समाप्त होते ही.. सामने बैठी औरत बोली अरे भैय्या ये क्या गाने लगा रखे हैं आपने ? मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा ठीक से कोई हिंदी-विन्दी गाने लगाओ ज़रा, जैसे ही उस महिला ने ऐसा कहा मैं एकाएक उन्हें गौर से देखने लगा .. क्योंकि महिला ने जो भी कुछ कहा था उससे साबित होता है कि वो पक्का कोई पहाड़ी औरत है और ये मैं इसलिये कह रहा हूँ क्योंकि जैसा कि आप सभी जानते हैं हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा ज़रूर है और बहुत संख्या में लोग हिंदी ही बोलते भी हैं मगर .. कहीं न कहीं हर इक इंसान की हिंदी में भी अलग-अलग समस्वरण (ट्यूनिंग) ज़रूर आती है .. जैसे अगर कोई पंजाबी शख्स हिंदी बोलता है तो उसमे पंजाबी भाषा की ट्यूनिंग आती है ठीक उसी तरह यहाँ भी ऐसा ही कुछ था फ़िर क्या था जैसे ही महिला ने ऐसा कहा बस में बैठे कुछ लोग हँसने लगे ..हँसने वाली बात तो थी ही क्योंकि वो महिला पहाड़ी होने के बावजूद ऐसा कह रही है कि मुझे पहाड़ी गाने समझ नही आ रहे है फ़िर मैंने सोचा .. आखिर कहाँ जायेंगे ऐसे लोग? और किसे दिखाएंगे भला ये झूठा दिखावा ? यही हाल अपने भारत का भी हो गया है कुछ बुद्धिजीवी हिंदी को तुच्छ समझते हैं और अंग्रेजी को ज्यादा तवज्जो देते हैं जबकि ऐसा नही होना चाहिए .. हर भाषा का सम्मान करना जरुरी है आप इंग्लिश बोलो फ्रेंच बोलो या फिर कुछ और मगर .. अपनी मात्र भाषा को कभी अनदेखा नहीं करना चाहये और न ही उसको हीन भावना से देखना चाहिए … आजकल #प्राइवेट स्कूलों का हाल बहुत ही बुरा हो गया है … वहाँ अगर किसी ने एक लफ्ज़ भी हिंदी में बोल दिया तो .. उसकी धज़्ज़िया उड़ाई जाती है उसको गँवार समझा जाता है .. कई बार तो आर्थिक दंड भी उस पे लगाया जाता है जो कि निंदनीय है ! .. हमें सोचना होगा .. आज हिंदी विश्व स्तरीय भाषाओं में तीसरे पायदान पर है .. हमें गर्व होना चाहिए कि हमें भी ऐसे देश में पैदा होने का अवसर मिला जहाँ इतनी भाषाएँ इतनी बोलियाँ बोली जाती है .. कहने का तात्पर्य यही है .. आप आसमां को छू लो मगर याद रहे .. आधार सदैव ज़मीं ही रहेगा
———————-22 जनवरी 2017
?Brijpal Singh

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
Anil Mishra Prahari
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो
जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो
Swati
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नारी शक्ति का हो 🌹🙏सम्मान🙏
नारी शक्ति का हो 🌹🙏सम्मान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
Kirdare to bahut nibhai ,
Kirdare to bahut nibhai ,
Sakshi Tripathi
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
■ आह्वान करें...
■ आह्वान करें...
*Author प्रणय प्रभात*
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
बेटी को जन्मदिन की बधाई
बेटी को जन्मदिन की बधाई
लक्ष्मी सिंह
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
Swami Ganganiya
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
3292.*पूर्णिका*
3292.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक  अबोध बालक 😂😂😂
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक 😂😂😂
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
Surinder blackpen
Loading...