(Y) #मेरे_विचार_से
■ मेरे विचार से
【प्रणय प्रभात】
“परिस्थितियों में बदलाव के लिए मानसिकता में बदलाव ज़रूरी है। मानसिकता में बदलाव दवाब से नहीं लाया जा सकता। प्यार भरी समझाइशों और विश्वास के माहौल से अवश्य आ सकता है। इसी का प्रमाण है योग व प्राणायाम, जिसे अब वैश्विक स्तर पर सहजता के साथ स्वीकार किए जाने का संकेत मिल भी चुका है।
प्रतीक्षा कीजिए अगले 21 जून की, जब इस बार से भी अधिक लोग योग करेंगे। वो भी बिना कोई चश्मा आंखों पर चढ़ाऐ। जिसे अब भी यकीन नहीं कि योग व प्राणायाम का सम्बंध सेहत और मनोबल से है वो अगली बार तक इन्तजार करे। मानसिकता आज नहीं तो कल ज़रूर बदलेगी अपनों को देख कर, उनके अनुभवों को जान कर।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●