किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
ब्रह्मचारिणी रूप है, दूजा मां का आज .
नज़रें मिलाना भी नहीं आता
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं
कुपोषण की पहचान कारण और बचने के उपाय
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
महकती नहीं आजकल गुलाबों की कालिया
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ लोगो की चालाकियां खुल रही है
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है