Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

Where have you gone

Where have you gone ???
I’m waiting for you
Why are you not coming ?
I’m waiting for you

The sun is rising now
The birds are chirping
They are coming out of their nests
And going out for food
They’ll come back to their children
Look how much I’m alone
Where have you gone ???

The sun is going up
The ants are in the row
They are coming out of their nests
And going out for grain
They’ll come back to their children
Look how much I’m alone
Where have you gone ???

The sun is setting now
The night is making bed
The creatures seems just in hurry
They are coming back
Collectig eatables for the children
Look how much I’m alone
Where have you gone ???

Look at me my dear Dad
Look at me my dear Mom
Look All the parents are at homes
Children are smiling now
As they are in their parents arms
Look how much I’m alone
Where have you gone ???

2 Likes · 118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
तन्हाई
तन्हाई
ओसमणी साहू 'ओश'
4311💐 *पूर्णिका* 💐
4311💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम नहीं!
तुम नहीं!
Anu Kumari Singh
AE888 là nhà cái uy tín hàng đầu cho cược thể thao, casino t
AE888 là nhà cái uy tín hàng đầu cho cược thể thao, casino t
AE888
Sahityapedia
Sahityapedia
भरत कुमार सोलंकी
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
*प्रणय*
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
" बेताबी "
Dr. Kishan tandon kranti
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
When you learn to view life
When you learn to view life
पूर्वार्थ
अतीत कि आवाज
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सफलता की फसल सींचने को
सफलता की फसल सींचने को
Sunil Maheshwari
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Shashi Mahajan
#कामयाबी
#कामयाबी
Radheshyam Khatik
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
गुमनाम 'बाबा'
गीत.......✍️
गीत.......✍️
SZUBAIR KHAN KHAN
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
Ranjeet kumar patre
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
Ajit Kumar "Karn"
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Loading...