लेखक,साहित्यकार,कवि,मेरा कोई पहचान नहीं, मैं हूँ अनाम..कर रहा कोशिश, मिल जाए कोई पहचान..कुमार साहित्य राजन...
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लेखक,साहित्यकार,कवि,मेरा कोई पहचान नहीं, मैं हूँ अनाम..कर रहा कोशिश, मिल जाए कोई पहचान..कुमार साहित्य
राजन कुमार एस ‘साहित्य ‘(कुमार साहित्य)
परिचय==हिंदी साहित्य ==राजन कुमार साह ‘साहित्य’
हिन्दी एवं मैथिली साहित्य के अत्यन्त लोकप्रिय कवि “राजन कुमार साह” जी की कलम ” कुमार साहित्य ” के नाम से मषहूर है। श्री राजन कुमार साह को उनके शुभचिंतक ,चाहने वाले “राजा”नाम से संबोधित करते है ।कवि जी की जन्म साहित्य का मक्का कहे जाने वाले स्थान ,मिथिला के ह्रदय स्थली मधुबनी जिला के अंतर्गत एक छोटा सा गांव कालिकापुर(रामनगर)में ५अप्रैल १९९८को हुआ था।सामान्य परिवार से पले -बढ़े श्री राजन कुमार साह जी ने प्रतिभावान होने के कारण दरभंगा के “C.M.Science College” से विज्ञान विषय में अंतर स्नातक की उपाधि एवं “प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद ” से गायन विषय मे “डिप्लोमा” की उपाधि प्राप्त की ।हाल मे “ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय” से गणित विषय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की ।साथ ही प्रकाशनो के द्वारा आयोजित हिन्दी साहित्य सम्मेलन से”साहित्य शिखर”, “साहित्य सागर “एवं “काव्य भूषण”
की उपाधि ग्रहण की एवं हाल में ही १३ दिसम्बर को ” नर्मदा के रत्न साहित्य सम्मान “से सम्मानित किए जा चुके है।समाज-सेवा उद्देश्य से श्री राजन कुमार साह ने POOR HELP SOCIETY की स्थापना की।जिससे प्रभावित होकर एवं सामाजिक सेवा में सराहनीय कार्य हेतु मानवाधिकार एवं विभिन्न संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष के रूप श्री राजन कुमार साह जी को पदस्थापित किए जा चुके है।वर्तमान में उच्च शिक्षा हेतु
दिल्ली आना पड़ा ।तब से अब तक अर्थात लगभग 4 वर्षों से दरभंगा से अब दिल्ली मे ही रहकर हिन्दी एवं मैथिली साहित्य की सेवा कर रहे है।
कवि राजन कुमार साह जी ने साहित्यिक क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय कार्य किये हैं।जिसके कारण उनकी प्रतिभा देश के प्रतिष्ठित कवियों में से एक है।उन्होंने अनेक काव्य संग्रहों,कहानी संग्रहो और विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं का संपादक किया।
हिन्दी भाषा प्रचार प्रसार व लेखन के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए कवि राजन कुमार साह को देश-प्रदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मान, उपाधियाँ व अलंकरण प्रदान किये जा चुके है।
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