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20 Oct 2023 · 1 min read

Tum meri kalam ka lekh nahi ,

Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Meri sochi kalpana nahi,
Tum koi kavita ka roop nhi
Tum kisi kitab ka panna nahi,
Tum jivan ka shringar mere ,
Tum hi ho ab upchar mere,
Tum swayam meri darpan ho,
Mai pairo ki parchai tere.
Tum sanjh savere sur me lin ,
Tu mere, raag ki tan priye.
Tum meri astitva se pare nhi,
Mai tumhare astitva ki mohtaj priye.
Tum chachal , komal, ras se susajjit ,
Mai teri bandhan ko vyakul hu.
Tum chetna ho meri hamdam,
Mai teri chintan me lin.
Tum meri kalam ka lekh nhi.
Ankahi kisso ki dastan priye.

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