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12 Apr 2023 · 1 min read

Tum likhte raho mai padhti rahu

Tum likhte raho mai padhti rahu
Tumhare hi khab mai bunti rahu.
Lakiro par yakin nahi ki samandar mere karib hai
Isliye boond boond se sagar mai bharti rahu.

2 Likes · 1 Comment · 358 Views

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