Think Positive
परिस्थितियां विरुद्ध हैं तो, संभावनाएं बहुत हैं।
ठहरे हो क्यों ठिठक के , योजनाएं बहुत हैं।।
है नजर नहीं आती, मंजिल जो दूर तक।
भूलो नहीं नर रूप में, क्षमताएं बहुत हैं।।
साधोगे अगर लक्ष्य को, मन वचन कर्म से।
विचलित अगर न होगे, तुम अपने स्वधर्म से।।
है कौन जो रोकेगा तुम्हें, विजय तिलक से।
चूमेंगे चांद तारे तुम्हे, आकर के फलक से।।
जय हिंद