Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2023 · 1 min read

The Bench

Beneath autumn’s amber, on that park bench so dear,
Two hearts converged, in whispered love sincere.
Now distanced by fate, their souls yearn to find,
The warmth of their touch, the love left behind.
In twilight’s embrace, their hope takes its flight,
To reunite again on that bench, in soft evening’s light.

-Johnny Ahmed ‘क़ैस’

Language: English
136 Views

You may also like these posts

भोजपुरी गीत
भोजपुरी गीत
Er.Navaneet R Shandily
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
पूर्वार्थ
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
तेरा यूं मुकर जाना
तेरा यूं मुकर जाना
AJAY AMITABH SUMAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
और क्या कहूँ तुमसे मैं
और क्या कहूँ तुमसे मैं
gurudeenverma198
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
उड़ान मंजिल की ओर
उड़ान मंजिल की ओर
नूरफातिमा खातून नूरी
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
Sunil Maheshwari
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
sudhir kumar
" ऐ मेरे हमदर्द "
Dr. Kishan tandon kranti
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
शीत ऋतु
शीत ऋतु
Sudhir srivastava
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
हर हाल में रहना सीखो मन
हर हाल में रहना सीखो मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दीदार-ए-इश्क
दीदार-ए-इश्क
Vivek saswat Shukla
,,,,,,
,,,,,,
शेखर सिंह
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
जज़्बातों का खेल
जज़्बातों का खेल
ललकार भारद्वाज
बहती गंगा सदा ही मेरे पास है
बहती गंगा सदा ही मेरे पास है
Madhuri mahakash
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...