दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
बेटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय