Posts Tag: Social Poetry 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pankaj Bindas 26 Jul 2024 · 1 min read सोशल मीडिया फेसबुक की गलियों में वट्सऐप के बाजार में स्टेटस, रील्स की दुकानों पर इतनी चकाचौंध है कि दृष्टि पर्याप्त नहीं अंतर्दृष्टि से चलना होगा जैसे हमारी दृष्टि नहीं देख सकती... Hindi · Facebook · Social Poetry · Status · कविता 1 52 Share Ashok deep 29 Jun 2024 · 1 min read बात चली है गीतिका जाने कैसी बात चली है । सहमी-सहमी बाग़ कली है । जिन्दा होती तो आजाती, सायद बुलबुल आग जली है । दुख का सूरज पीढ़ा तोड़े, सुख की मीठी... Hindi · Best Hindi · Best Hindi Poetry · Samajik Kavita · Social Poetry · ग़ज़ल/गीतिका 1 65 Share