चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती हैं। गमों को कुछ यूं भी हराया करों, तुम बेवजह मुस्कुराया भी करो। मुझे नही आता उड़ती पतंगों सी...
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